कुरावर में 7 दिवसीय भव्य श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव का शुभारंभ, पं. सुमित कृष्ण शास्त्री करेंगे प्रवचन
यह दिव्य आयोजन नगर के हृदय स्थल श्री राधा कृष्ण मंदिर, बस स्टैंड परिसर, कुरावर में होगा, जहां पर कथा प्रतिदिन दोपहर 1:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक चलेगी।
प्रसिद्ध कथा वाचक पं. सुमित कृष्ण शास्त्री करेंगे कथा वाचन
इस महोत्सव की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि कथा का वाचन और प्रवचन वृंदावन धाम, मथुरा के सुप्रसिद्ध एवं लोकप्रिय कथा वाचक पंडित सुमित कृष्ण शास्त्री के मुखारविंद से होगा।
पं. शास्त्री जी अपनी मधुर वाणी, भावपूर्ण शैली और गहन आध्यात्मिक ज्ञान के लिए पूरे देशभर में प्रसिद्ध हैं। उनकी कथाओं में केवल धार्मिक ग्रंथों का पाठ ही नहीं, बल्कि जीवन मूल्यों और संस्कारों का मर्म भी सहज रूप से जुड़ा रहता है।
आयोजन का उद्देश्य: धर्म, संस्कार और एकता का प्रसार
धाकड़ माहेश्वरी समाज के पदाधिकारियों और सदस्यों के अनुसार इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य समाज में धार्मिक जागरण, संस्कारों का प्रसार और युवा पीढ़ी में श्रीकृष्ण भक्ति की भावना को प्रोत्साहित करना है।
आज के समय में, जब जीवन की गति तेज़ और तनावपूर्ण हो चुकी है, ऐसे आयोजनों का महत्व और भी बढ़ जाता है। भागवत कथा न केवल धार्मिक ग्रंथ का श्रवण है, बल्कि यह जीवन जीने की कला और आध्यात्मिक शांति का मार्ग भी दिखाती है।
भजन, संकीर्तन और प्रसाद वितरण से भरे रहेंगे आयोजन के पल
कथा महोत्सव के दौरान प्रतिदिन भजन और संकीर्तन का विशेष आयोजन होगा, जिसमें स्थानीय कलाकारों के साथ-साथ बाहरी क्षेत्रों से आए भजन मंडलियां भी शामिल होंगी।
प्रत्येक दिन कथा के समापन पर श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण की व्यवस्था रहेगी। आयोजन स्थल पर भक्तों के बैठने के लिए विशेष पंडाल, पंखे और पानी की व्यवस्था की गई है, ताकि सभी बिना किसी असुविधा के कथा का आनंद ले सकें।
श्रद्धालुओं से समय पर पहुंचने की अपील
आयोजकों ने सभी भक्तों और नगरवासियों से अनुरोध किया है कि वे समय पर आयोजन स्थल पर पहुंचकर कथा श्रवण का पुण्य लाभ अर्जित करें।
उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने से मन को शांति, जीवन में सकारात्मकता और आत्मा को आनंद की अनुभूति होती है।
अंतिम दिन विशाल भंडारे के साथ होगा समापन
17 अगस्त को महोत्सव का अंतिम दिन विशेष रहेगा। कथा के समापन के बाद विशाल भंडारे का आयोजन होगा, जिसमें नगर ही नहीं, आसपास के गांवों से भी हजारों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
आयोजकों ने बताया कि भंडारे में शुद्ध, सात्विक और स्वादिष्ट भोजन परोसा जाएगा। इस दिन को धार्मिक उत्सव और सामाजिक मिलन के रूप में मनाने की तैयारी की जा रही है।
आध्यात्मिक महत्व
श्रीमद् भागवत कथा हिंदू धर्म के 18 पुराणों में से एक अत्यंत पवित्र ग्रंथ है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के जीवन, लीलाओं और उपदेशों का विस्तृत वर्णन है।
कथा सुनने से भक्ति, ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से कुरावर जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक नगर में ऐसे आयोजन समाज को संस्कारवान और आध्यात्मिक दृष्टि से समृद्ध बनाते हैं।
नगर में धार्मिक माहौल
इस आयोजन की घोषणा होते ही कुरावर नगर में धार्मिक माहौल बन गया है।
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घर-घर में लोग आयोजन की चर्चा कर रहे हैं।
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दुकानों, गलियों और मंदिरों में श्रीकृष्ण भक्ति के भजन गूंजने लगे हैं।
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आयोजन स्थल पर सुंदर सजावट, फूलों की माला और रंग-बिरंगी लाइटिंग से एक दिव्य वातावरण तैयार किया जा रहा है।
समाज की एकजुटता का प्रतीक
यह महोत्सव केवल धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि समाज की एकजुटता का भी प्रतीक है।
धाकड़ माहेश्वरी समाज कुरावर, जो वर्षों से सामाजिक सेवा, धार्मिक आयोजन और सांस्कृतिक संरक्षण में सक्रिय रहा है, ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सामूहिक प्रयास से बड़े से बड़ा आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न किया जा सकता है।
📅 आयोजन की रूपरेखा एक नजर में
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स्थान: श्री राधा कृष्ण मंदिर, बस स्टैंड, कुरावर
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तारीख: 11 अगस्त से 17 अगस्त 2024
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समय: प्रतिदिन दोपहर 1:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक
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कथा वाचक: पं. सुमित कृष्ण शास्त्री, वृंदावन धाम मथुरा
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विशेष आयोजन: भजन, संकीर्तन, प्रसाद वितरण
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समापन: 17 अगस्त को विशाल भंडारे के साथ
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